Army Given Free Hand to Deal With Any Aggressive Behaviour by China Along LAC. LAC पर चीन को जवाब देने के लिए सेना को मिली खुली छूट, सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री की मीटिंग में हुआ फैसला.
- सरकार ने चीन से निपटने के लिए खुली छूट दी / राजनाथ सिंह ने सीडीएस और सेना प्रमुखों के साथ बैठक की, कहा- एलएसी पर सेनाएं चीनी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दें
- गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद ये फैसला लिया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस यात्रा से पहले सेना प्रमुखों से मीटिंग में ये एलान किया है.
- गलवान घाटी के अलावा चीन से सटी सभी सीमाओं पर भारतीय सेनाओं को अलर्ट पर रखा गया है। इन इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है।
- भारतीय सैनिक अब एलएसी पर चीन की किसी भी करतूत से निपटने के लिए फायरिंग भी कर सकते हैं. सरकार ने सेना को एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए हथियार चलाने और गोलाबारी तक करने की छूट दे दी है. यानि सैनिक अब चीन के साथ सीमा को लेकर हुई संधियों से बंधे नहीं हैं.
- गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत, सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह से बात की
- करीब 6 हफ्ते से भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव चल रहा है, 15 जून की रात चीन और भारत के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, इसमें 20 जवान शहीद हो गए थे
- न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेनाओं को धरती, आसमान और समुद्री इलाके में चीन की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त रवैया अख्तियार करने के लिए कहा गया है।
- सूत्रों ने ये तो साफ नहीं किया कि क्या चीन के साथ हुई संधियों को तोड़ दिया गया है, लेकिन इतना जरूर कहा कि गलवान घाटी में जो हिंसक संघर्ष हुई उसमें क्या चीन ने किसी संधि को माना है? ऐसे में भारतीय सेना को किसी भी तरह के जवाबी कार्रवाई करने की पूरी इजाजत दी गई है.
- गौरतलब कि 1996 में भारत और चीन ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ‘मिलिट्री फील्ड’ में संधि की थी जिसके तहत दोनों देशों के सैनिकों को एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दो किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह की फायरिंग और गोलाबारी पर रोक थी.
- लेकिन गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद भारत सरकार ने सैनिकों को फायरिंग की भी छूट दी है. लेकिन ये छूट सिर्फ उन विशेष परिस्थितियों में होगी अगर चीनी सेना कोई गलवान घाटी जैसी करतूत फिर से करती है.