Tanhai Shayari With Images.
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
तेरे आने की खबर मुझे ये हवाएं देती हैं,
तेरे मिलने को मेरी हर साँस तरसती है,
तू कब आके मिलेगी अपने इस दीवाने से,
तुझसे मिलने को मेरी आवाज तरसती है।
tanhai shayari in hindi
तुमसे कुछ कहूँ तो कह न सकूँगा,
दूर तुमसे अब रह न सकूँगा,
अब नहीं आता तुम्हारे बिन दिल को चैन,
ये दूरी अब सह न सकूँगा।
एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,
मैं जो जिंदगी हूँ तो वो भी हैं अना का कैदी,
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है ।
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।
Kabhi Socha Na Tha Tanhayion Ka Dard Yun Hoga,
Mere Dushaman Hi Mera Haal Mujhse Puchhte Hain.कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा,
मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।
करोगे याद एक दिन साथ बिताए ज़माने को
चले जाएंगे जिस दिन हम कभी वापिस न आने को
करेगा महफ़िल में ज़िकर हमारा कोई तो
चले जाओगे तन्हाई में आंसू वहाने को .
गुजर तो जाएगी तेरे बगैर भी लेकिन
बहुत उदास बहुत बे-क़रार गुजरेगी।
Ek Tere Na Hone Se Badal Jata Hai Sab Kuchh,
Kal Dhoop bhi Deewar Par Poori Nahi Utri.एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी।
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दुसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो तुम।
Kya Karenge Mehfilon Mein Hum Bata,
Mera Dil Rehta Hai Kafilon Mein Akela.क्या करेंगे महफिलों में हम बता,
मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।
सुनो मुझे हर पल तुम्हारी याद आती है ,
कभी साँसों के चलने पे , कभी दिल के मचलने पे ,
कभी आँखें छलकने पे कभी चाँद निकलने पे ,
कभी सूरज के ढलने पे कभी शब के अंधेरों में खो जाने पे
कभी दिन के सबेरों में कभी लोगों के मेले में ,कभी तनहा अकेले में
तुझ पे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी,
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता
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मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना,
बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने।
- पत्थर की दुनिया जज्वात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती ।तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती ।
रात के अँधेरे में सारा जहाँ सोता है
लेकिन किसी की याद में एक दिल रोता है
खुदा करे की किसी पर कोई फ़िदा न हो
अगर हो तो मौत से पहले जुदा न हो
इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।
Na meri koi manzil hai,Na koi kinara,Tanhai meri mehfil aur yaadein mera sahara,Apno se bichhad ke humne,kuchh yun waqt gujara,Kabhi zindagi ko tarse,kabhi maut ko pukara…
यादों में आपके तनहा बैठे हैं,
आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
दूर जाकर भी हम दूर जा न सकेंगे
कितना रोएंगे हम बता न सकेंगे ,
ग़म इसका नहीं की आप मिल न सकोगे
दर्द इस बात का होगा की हम आपको भुला न सकेंगे
Ye Bhi Shayad Zindagi Ki Ek Adaa Hai Dosto,
Jisko Koi Mil Gaya Woh Aur Tanha Ho Gaya.ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों,
जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया।
उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी
मुसाफिरों की तरह,
उसने तन्हाईयों का एक शहर
मेरे नाम कर दिया।
In Behte Hue Aansuon Se Aqidat Hai Mujhe Bhi,
Unki Tarha Hi Khud Se Shikayat Hai Mujhe Bhi,
Wo Agar Nazuk Hain To Main Bhi Pathar Nahi,
Tanhai Mein Rone Ki Aadat Hai Mujhe Bhi
Door jakar bhi hum door jaa na sakenge,
Kitna royenge hum bata na sakenge,
Gham iska nahi ki aap mil na sakoge,
Dard is baat ka hoga ki hum aapko bhula na sakenge
Sahara Lena Hi Padta MujhKo Dariya Ka,
Main Ek Katra Hoon Tanha Toh Bah Nahi Sakta.सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का,
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता।
उस से बिछड़े तो मालूम हुआ
की मौत भी कोई चीज़ है फ़राज़
ज़िन्दगी वो थी ……….जो हम
उसकी महफ़िल में गुज़ार आए ।
“हुआ है तुझसे बिछडने के बाद ये मालूम…
कि,सिर्फ तू नहीं था….तेरे साथ मेरी एक पूरी दुनिया थी…।
तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया,
रातों को जागते रहे और दिन को सो गए।
Woh Har Baar Mujhe Chhod Ke Chale Jate Hain Tanha,
Main Mazboot Bahut Hoon Lekin Patthar Toh Nahi Hoon.वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।
इस इश्क की परवाह में,
हम तन्हा हो गये ।सही कहते थे लोग,
मोहब्बत अकेला कर जाती है ।
लाज़िम नहीं कि उसको भी मेरा ख्याल हो !
मेरा जो हाल है वही उसका भी वही हो !!
कितना अधूरा सा लगता है जब बादल हो बारिश न हो,
आँखें हो कोई ख्वाब न हो और अपना हो पर पास न हो।
Kuchh Kar Gujarne Ki Chaah Mein Kahan Kahan Se Gujre,
Akele Hi Najar Aaye Hum Jahan-Jahan Se Gujre.कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है… तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है ।
अब अपनी यादों की खुशबू भी
हम से छीन लोगे क्या ?किताब-ए-दिल में अब ये
सूखा गुलाब तो रहने दो ।
मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूँ !
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है !!
कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है,
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती,
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है।
Jab Se Dekha Hai Chand Ko Tanha,
Tum Se Bhi Koi Shikayat Na Rahi.जब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही।
अजब से वो दिन थे अजब सी वो रातें,
तन्हाई में तन्हाई से तन्हाई की बातें।
कांटो सी दिल में चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमको जरा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।
अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात…
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन?
किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी,
किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी,
मोहब्बत में बिछड़ के कोई जी नहीं सकता,
और बच गया तो उसे तन्हाई मार डालेगी।
Main Hoon Dil Hai Tanhai Hai,
Tum Bhi Jo Hote Toh Achcha Hota.
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता।
इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब !
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते !!
शाम-ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी,
एक तेरा ख्याल न जाना एक दूसरा तेरा जवाब न आना
Bahut Socha Bahut Samjha
Bahut Hi Der Tak Parkha,
Ki Tanha Ho Ke Jee Lena
Mohabbat Se To Behtar Hai.बहुत सोचा बहुत समझा
बहुत ही देर तक परखा,
कि तन्हा हो के जी लेना
मोहब्बत से तो बेहतर है।
चाँदनी बन के बरसने लगती हैं
तेरी यादें मुझ पर,
बड़ा ही दिलकश मेरी
तनहाइयों का मंज़र होता है।
Kahne Lagi Hai Ab Toh Meri Tanhai Bhi MujhSe,
MujhSe Kar Lo Mohabbat Main Toh Bewafa Bhi Nahin.कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।
जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की,बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है,पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की।
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हम से,
मिलना पड़ेगा आखिर कभी ज़रूर हम से,
नज़रें चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी,
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से…।
ये शाम बहुत तनहा है मिलने की भी तलब है,
पर दिल की सदाओं में वो ताकत ही कहाँ है,
कोशिश भी बहुत की और भरोसा भी बहुत था,
मिल जायें बिछड़ कर वो किस्मत की कहाँ है।
Aihtiyatan Dekhta Chal Apne Saaye Ki Taraf,
Iss Tarah Shayad Tujhe Ehsaas-e-Tanhai Na Ho.एहतियातन देखता चल अपने साए की तरफ,
इस तरह शायद तुझे एहसास-ए-तन्हाई न हो।
दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला,
वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला,
तेरे होते हुए आ जाती थी दुनिया सारी,
आज तनहा हूँ तो कोई नहीं आने वाला।
कुछ लोग मेरे शहर में खुशबु की तरह हैं
महसूस तो होते हैं दिखाई नहीं देते…।
इश्क़ के नशे डूबे तो ये जाना हमने फ़राज़ !
की दर्द में तन्हाई नहीं होती.तन्हाई में दर्द होता है !!
Kudrat Ke Inn Haseen Najaaron Ka Hum Kya Karein,
Tum Saath Nahi Toh Inn Chaand Sitaron Ka Kya Karein.कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें,
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें।
कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है,
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती,
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है।
Kitna Bhi Duniya Ke Liye Hans Ke Jee Lein Hum,
Rula Deti Hai Fir Bhi Kisi Ki Kami Kabhi Kabhi.कितना भी दुनिया के लिए हँस के जी लें हम,
रुला देती है फिर भी किसी की कमी कभी-कभी।
- हम मिले भी तो क्या मिले
वही दूरियाँ वही फ़ासले,
न कभी हमारे कदम बढ़े
न कभी तुम्हारी झिझक गई। - Tanhai Rahi Saath Ta-Zindagi Mere,
Shikwa Nahi Ke Koi Saath Na Raha.
तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे,
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा। - ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में…
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है । -
यादों में आपके तनहा बैठे हैं,आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
- तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जायेगा,
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जायेगा,
आँखें ताजा मंजरों में खो तो जायेंगी मगर,
दिल पुराने मौसमों को ढूंढ़ता रह जायेगा।
- तलब ऐसी कि बसा ले
उसे साँसो में हम ।
और…
किस्मत ऐसी कि
दीदार के भी मोहताज है ।
- माना कि आज उसका मुझसे कोई वास्ता नहीं रहा,
मगर आज भी उसके हिस्से का वक्त तन्हा गुजरता है। - और क्या लिखूं… अपनी जिन्दगी के बारे में,
जो जिन्दगी हुआ करते थे वो ही बिछड़ गये। - तेरी यादों से घिरी है मेरी तनहाईयाँ,मेरे साथ होती है तेरी परछाईयाँ,नहीं गुजरता इक पल भी तेरे बिन,पल पल याद आती है तेरी नादानीयाँ..
- Usey Pana Usey Khona Usi Ke Hijr Mein Rona,
Yahi Gar Ishq Hai To Hum Tanha Hi Achchhe Hain.
उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना,
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं। -
तेरे बिना ये कैसे गुजरेंगी मेरी रातें,तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,बहुत लम्बी हैं ये घड़ियाँ इंतज़ार की,करवट बदल-बदल के कटेंगी ये रातें।