पीओके से पवित्र मिट्टी पहुंची अयोध्या, चीन के रास्ते अयोध्या पहुंची पवित्र शारदा पीठ की मिट्टी. Holy Sharada Peeth Soil from POK Reached Ayodhya Via China.
- भूमि पूजन के लिए देशभर से पवित्र जल और मिट्टी अयोध्या लाई गई थी। इसमें पीओके में स्थित पवित्र शारदा पीठ से भी प्रसाद और पवित्र मिट्टी से अयोध्या लाई गई।
- पीओके की मिट्टी को लाना इतना आसान नहीं था और उसके लिए एक व्यक्ति ने बड़ा खतरा मोल लिया।
- पीओके में भारतीय नागरिकों को जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए चीन में रहने वाले भारतवंशी वेंकटेश रमन और उनकी पत्नी को चीन के पासपोर्ट से पीओके भेजा गया।
- दंपत्ति को चीन के पासपोर्ट के साथ हांगकांग के रास्ते पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद भेजा गया। यहां से पति-पत्नी शारदा पीठ तीर्थ स्थल पर पहुंचे और फिर वहां की मिट्टी लेकर हांगकांग के रास्ते दिल्ली आ गए।
- यहां उन्होंने शारदा पीठ से जुड़े अंजना शर्मा नाम के एक व्यक्ति को मिट्टी सौंप दी। शर्मा फिर मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे और आधारशिला में शामिल करने के लिए दे दिया।
- शर्मा ने बताया कि वे शारदा पीठ के मुख्य रविन्द्र पंडित के निर्देश पर आए हैं। अयोध्या पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया।
- इसके साथ ही शर्मा अपने साथ कर्नाटक के अंजना पर्वत, जिसे राम भक्त हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है, वहां से भी पवित्र जल लाए। उन्होंने बताया कि रावण भगवान शिव के जिस लिंग को लेकर जा रहा था, उस गोकर्ण से भी पवित्र जल भूमि पूजन के लिए अयोध्या लाया गया।
- बता दें कि शारदा पीठ करीब 5,000 साल पुराना मंदिर है, जिसे सम्राट अशोक के शासनकाल में स्थापित किया गया था। यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के तीन प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है। हालांकि यह मंदिर अभी पीओके में है और यहां भारतीयों को जाने की इजाजत नहीं है। यही कारण है कि कश्मीरी पंडित और देश के हिंदू यहाँ पहुंचने के लिए लंबे समय से एक कॉरिडोर की मांग कर रहे हैं। पिछले साल पाकिस्तान सरकार ने 25 मार्च को एक कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी भी थी, लेकिन हालांकि में पाकिस्तान के विदेश विभाग ने माहौल का हवाला देते हुए इसे ख़ारिज कर दिया था।
- बताया जाता है कि यहां प्रसिद्ध शारदा विश्वविद्यालय भी था। जहां पांच हजार से ज्यादा विद्वान पढ़ते थे। कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य भी वहीं पढ़े थे।