साइबर अटैक का खतरा: भारत पर चीनी साइबर अटैक का खतरा मंडरा है। खबरें हैं कि हैकरों ने भारतीय कंपनियों की एक लिस्ट तैयार की है। वे कई सरकारी एजेंसियों, मीडिया हाउस, फार्मा कंपनियों, टेलीकॉम ऑपरेटरों और भारत की एक बड़ी टायर कंपनी को निशाना बना सकते हैं। इस बारे में साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्मा ने चेतावनी दी है। साइफर्मा ने यह भी बताया कि इन हैकिंग ग्रुप का चीन की सरकार और सेना से संबंध है।
China Cyberattacks Alert In India | Computer Emergency Response Team (CERT) intelligence firm warns of threat to Indian firms
साइफार्मा ने बताया कि यह जानकारी डार्क वेब से आई है। डार्क वेब यानी जहां पर हैकर कम्युनिटी गुमनाम रहकर बात करती है। 10 दिन पहले चीनी हैकरों ने डार्क वेब पर चीनी भाषा मंदारिन और कंटोनीस में बात करते हुए भारत को सबक सिखाने की बात कही है। सबसे ज्यादा खतरा मीडिया हाउस को है।
हैकिंग लिस्ट में साइबर खतरों से निपटने वाली भारत की नोडल एजेंसी सीईआरटी-इन का भी नाम है। इसके साथ ही एमआरएफ टायर, एयरटेल, बीएसएनएल, सन फार्मास्युटिकल, सिप्ला, रिलायंस जियो और कुछ मीडिया हाउस के नाम हैं।
साइफर्मा के सीईओ और चेयरमैन कुमार रितेश ने कहा कि हैकिंग ग्रुपों में गोथिक पांडा और स्टोन पांडा का नाम हैं। इनका सीधा संबंध चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से है। ये दोनों ग्रुप चीन की सरकार के लिए काम करते रहे हैं। अमेरिका और हॉन्गकॉन्ग में भी बड़े पैमाने पर साइबर अटैक करते रहे हैं।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के सरकारी और निजी क्षेत्र पर बड़ा साइबर अटैक हुआ है। इसके पीछे भी चीन पर भी शक जताया जा रहा है। चीन पर शक इसलिए भी है, क्योंकि लंबे समय से उसके ऑस्ट्रेलिया से संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। चीन उसे अमेरिका का पिछलग्गू कहता है। ऑस्ट्रेलिया कोरोनावायरस फैलने की जांच कराने के पक्ष में और उसे चीन पर शक है।