लद्दाख में चीन का धोखा / चीन ने थर्मल इमेजिंग ड्रोन से भारतीय जवानों की संख्या पता की, फिर अपने सैनिक बढ़ाकर हमला कर दिया; हमारे जवान 8 घंटे तक निहत्थे लड़ते रहे. China Army Attack Planned In Ladakh Galwan Valley.
- अचानक हमले के वक्त संख्याबल में चार गुना कम थे भारतीय सैनिक, लेकिन दोगुने चीनी सैनिक मार गिराए
- भारतीय जवानों को हथियार नहीं चलाने के निर्देश थे, चीन ने सभी तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया
- चीनी सैनिकों ने अचानक तब हमला किया जब भारतीय सैनिकों इस तरह की परिस्थिति के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे।
- भारत-चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख में सोमवार रात हुई झड़प चीन की सोची-समझी साजिश थी।
- China Army Attack Planned : न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन ने थर्मल इमेजिंग ड्रोन से भारतीय जवानों को ट्रेस किया था, फिर अपने सैनिक बढ़ाकर हमला कर दिया। जब झड़प हुई थी तो चीन के सैनिकों की संख्या भारतीय जवानों से 4-5 गुना ज्यादा थी।
- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर- 14 पर जब चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों ने भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया, उस वक्त पीएलए सैनिकों की तादाद भारतीय सैनिकों के मुकाबले पांच गुना थी।
- चीन के साथ झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, 135 जख्मी हैं। इनमें से 4 की हालत गंभीर है।
- चीन के भी 40 सैनिक मारे जाने की खबर है, लेकिन उसने यह कबूला नहीं है।
कुछ भारतीय जवानों को आखिरी सांस तक टॉर्चर किया
- रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सैनिक भारतीय जवानों पर जंगलियों की तरह टूट पड़े। कुछ जवानों के मुंह पर बंदूक अड़ाकर उन्हें आखिरी सांस तक टॉर्चर करते रहे। चीन के सैनिकों ने सभी तरह के हथियार इस्तेमाल किए। दूसरी ओर भारतीय जवान हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे। फिर भी वे बहादुरी से लड़ते हुए हालात संभालने की कोशिश करते रहे।
- सूत्रों ने बताया कि हमले में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू यह देखने के लिए गए थे कि चीनी सैनिक स्टैंड ऑफ स्थिति से हट गए हैं या नहीं क्योंकि ऐसा करने का उनकी ओर से वादा किया गया था। मगर संतोष बाबू उस स्थान पर पहुंचे तो वे वहां लगा शिविर देखकर आश्चर्यचकित थे, तभी पीएलए के सैनिक उग्र हो उठे। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर बेरहमी से हमला कर दिया।