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बैंक में नौकरी नहीं लगी तो खुद का ही फर्जी ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ की नकली ब्रांच खोल ली

बैंक में नौकरी नहीं लगी तो खुद का ही फर्जी ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ की नकली ब्रांच खोल ली, तीन गिरफ्तार. Three Arrested For Opening Fake Sbi Branch In Tamilnadu. 

  • लॉकडाउन में ही स्टेट बैंक की फर्जी ब्रांच खोलने वाले तीन लोगों को तमिलनाडु के पनरुत्ती से गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक शख्स एसबीआई के ही पूर्व कर्मचारी का बेटा है।

  • मामला तमिलनाडु के कडलाेर जिले के पनरुत्ती कस्बे की है।
  • यहां पनरुति के निकट स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI) की एक ब्रांच खोलने के कथित प्रयास में एक 19 वर्षीय युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
  • एसबीआई की  यह ब्रांच तीन महीने से चल रही थी।
  • एक ग्राहक की शिकायत पर इसका भंडाफाेड़ हुआ। पुलिस ने तीन लाेगाें काे गिरफ्तार किया है।

Fake branch of the State Bank

  • अब स्टेट बैंक की असली ब्रांच के मैनेजर वहां पहुंचे को सेटअप देखकर हैरान रह गए क्योंकि यह पूरी तरह स्टेट बैंक की तरह ही बनाई गई थी।
  • एसबीआई के एक पूर्व कमर्चारी के बेटे कमल बाबू ने फर्जी बैंक में कंप्यूटर, लॉकर, फर्जी कागज और अन्य चीजें रखकर इसे एकदम बैंक जैसा बनाया था।
  • यहां तक कि पनरुत्ती बाजार ब्रांच के नाम पर एक वेबसाइट भी बनाई गई थी।
  • पुलिस ने कमल के साथ-साथ ए कुमार (42) और एम मणिकम को भी पकड़ा है। इन लोगों ने लॉकडाउन के बीच अप्रैल में ही ब्रांच खोली थी।
  • युवक के पिता एसबीआइ के पूर्व कर्मचारी थे जिनका निधन हो गया है। उसकी मां भी उसी बैंक में काम कर चुकी हैं और कुछ समय पहले ही रिटायर हुई हैं।
  • पुलिस ने कहा कि उसे बैंक के कामकाज की जानकारी थी और वह उसमें काम करना चाहता था। पुलिस ने कहा कि पूछताछ में उसने बचकानी व नासमझवाली बातें कीं। उसने कहा कि वह मुंबई से बैंक की शाखा खोलने की अनुमति की प्रतीक्षा कर रहा था। उसके बाद उसकी योजना साइनबोर्ड टांगने की थी।

बैंककर्मी के बेटे ने खोल ली स्टेट बैंक की फर्जी ब्रांच

  • उसने अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर बैंक में नौकरी पाने का भी प्रयास किया था, लेकिन वह नौकरी पाने में विफल रहा था, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया।
  • दरअसल पनरुत्ती कस्बे में  स्टेट बैंक की दाे ब्रांच हैं। कुछ दिन पहले एक ब्रांच में ग्राहक पहुंचा और मैनेजर से पूछा, ‘आपने बताया नहीं, शहर में तीसरी ब्रांच खुल गई है?’ यह सुनकर मैनेजर हैरान रह गए। उन्हाेंने जाेनल ऑफिस में तहकीकात की ताे पता चला काेई ब्रांच नहीं खाेली गई है। इसके बाद वे ‘तीसरी ब्रांच’ पहुंचे ताे सन्न रह गए। वहां फर्नीचर से स्टेशनरी तक असल ब्रांच जैसा था। कैश डिपाॅजिट चालान, रबर स्टैंप, फाइल पर बैंक का नाम प्रिंट था। वहां करेंसी काउंटर मशीन, डेस्कटाॅप कंप्यूटर, प्रिटर और दर्जनाें फाइलें भी माैजूद थीं।
  • फिलहाल किसी ग्राहक ने नुकसान की सूचना नहीं दी है। कमल ने भी कहा है कि उसने किसी के साथ धोखाधड़ी करने के लिए बैंक नहीं खोली थी।

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