स्कॉर्पीन श्रेणी की 5वीं पनडुब्बी नौसेना में शामिल, अरब सागर में ताकत बढ़ाएगी, नहीं पकड़ पाएगा रडार. इस तरह की छह में से पांच पनडुब्बियां मिल चुकी हैं. Indian Navy’s fifth Scorpene class submarine Vagir launched. रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका लोकार्पण कराया। भारत प्रोजेक्ट-75 के तहत स्कॉर्पीन क्लास की पांच पनडुब्बी तैयार कर चुका है। छठी पनडुब्बी आईएनएस वागशीर पर काम एडवांस स्टेज में पहुंच चुका है। मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड और फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप (डीसीएनएस) के सहयोग से स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन के प्रॉजेक्ट पर काम चल रहा है। दोनों कंपनियों के बीच 6 सबमरीन तैयार करने लिए 2005 में करार हुआ था।
Ins Vagir Indian Navy Gets 5th Scorpene Class Submarine
हिंद महासागर की शिकारी मछली ‘वागिर’ के नाम पर इस पनडुब्बी का नाम रखा गया है। आधुनिक तकनीक से लैस इस पनडुब्बी में दुश्मन पर सटीक निर्देशित हथियारों से हमले की भी क्षमता है। यह पनडुब्बी टॉरपीडो से हमला करने के साथ और ट्यूब से लांच की जाने वाली पोत रोधी मिसाइलों को पानी के अंदर और सतह से छोड़ सकती है।
इन सबमरीन से नौसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी। यह सभी स्कॉर्पीन सबमरीन एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाना, माइन बिछाने और एरिया सर्विलांस का काम कर सकती हैं।
दिसंबर 2017 में नौसेना को पहली स्कॉर्पीन क्लास की सबमरीन मिली थी। इस सीरीज की पहली पनडुब्बी का नाम INS कलवरी है। INS खंडेरी (जनवरी 2017) और INS करंज (31 जनवरी 2018) पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। यह दोनों एडवांस स्टेज की सबमरीन हैं।
Scorpene-Class Submarine INS Vagir Commissioned Into Indian Navy
पहली ‘वजीर’ पनडुब्बी रूस से प्राप्त की गई थी जिसे भारतीय नौसेना में तीन दिसंबर 1973 को शामिल किया गया था और सात जून 2001 को तीन दशक की सेवा के बाद सेवामुक्त किया गया था।